
आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना उपकरण खरीद घोटाला की तरह ही ‘भूत जांच घोटाला’ किया है, कोरोना के नियंत्रण में योगी सरकार पूरी तरह फेल- संजय सिंह, प्रदेश प्रभारी और राज्य सभा सांसद आप
उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में कोरोना की जांच कागजों में करके किट तोड़ कर फेंक दी गई, न उस व्यक्ति का पता, न उसके नाम का पता और न उसकस मोबाइल नंबर मौजूद है- संजय सिंह
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में 956 गुमनाम लोगों की कोरोना जांच की गई है, इनका कोई रिकाॅर्ड ही मौजूद नहीं है- संजय सिंह
आदित्यनाथ सरकार का मॉडल, नो टेस्टिंग, नो करोना, नो महामारी और नो खतरा: संजय सिंह
लखनऊ। आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश के प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार में कोरोना मरीजों की फर्जी जांच करने का दावा किया है। सांसद संजय सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश में कोरोना उपकरण खरीद घोटाला की तरह ही ‘भूत जांच घोटाला’ किया है। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में 956 गुमनाम लोगों की कोरोना जांच कर दी गई, लेकिन इनका कोई रिकाॅर्ड ही मौजूद नहीं है। इसी तरह, यूपी के 75 जिलों में कोरोना की जांच कागजों में करके किट तोड़ कर फेंक दी गई, न उस व्यक्ति का पता है, न उसके नाम का पता है और न उसके मोबाइल नंबर का पता है। इससे पहले, योगी सरकार ने 800 रुपए का आॅक्सीमीटर 5 हजार में, 1600 रुपए का थर्मामीटर 13 हजार में, 1.5 लाख का एनलाइजर 3.30 लाख रुपए में खरीद कर घोटाला किया था। उत्तर प्रदेश में नो टेस्टिंग, नो करोना, नो महामारी और नो खतरा, इसीलिए लोग योगी आदित्यनाथ की सरकार में सब चंगा कहते हैं। कोरोना नियंत्रण में योगी सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है।
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उत्तर प्रदेश में कोरोना जांच में बड़ा घोटाला सामने आया है। इस संबंध में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। संजय सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार के बारे में मैं बार-बार कहता आया हूं कि उनकी सरकार में अपराधीकरण, गुंडाराज, जंगलराज चल रहा है और भ्रष्टाचार भी चरम सीमा पर है। एक मामला सामने आया है, जिस से पता चला है कि कोरोना की महामारी में फर्जीवाड़ा कैसे किया जा सकता है, यह आदित्यनाथ का मॉडल है। बरेली से एक खबर प्रकाशित हुई है, जिसमें कोरोना की महामारी के दौरान भी फर्जीवाड़ा कैसे किया जा सकता है, यह देखने को मिला है। खबर में लिखा है कि न कोई व्यक्ति है, न उसका कोई नाम है, न उसका कोई अता-पता है और योगी आदित्यनाथ की सरकार उसकी कोरोना जांच कर देती है। आदित्यनाथ की सरकार भूतों की जांच कर रही है।
संजय सिंह ने आगे कहा, अगर आपको भूतों की कोरोना जांच देखनी है, तो आप उत्तर प्रदेश जाइए। यूपी सरकार भूतों की कोरोना जांच कर रही है। हमने सिर्फ 956 लोगों की जांच का घोटाला सिर्फ एक जिले में पकड़ा है। पूरे उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में जिस तरह इन्होंने कोरोना घोटाला किया, उसी तरीके से इन्होंने भूत जांच घोटाला किया है। यानी कोई इंसान मौजूद ही नहीं है और उसकी कोरोना जांच हो गई। उसकी रिपोर्ट भी आ गई और किट तोड़ कर फेंक दी गई। जांच किए गए व्यक्ति के मोबाइल नंबर के सामने जीरो, जीरो, जीरो लिख दिया गया। यह आदित्यनाथ सरकार में काम हो रहा है। जो जीरो सरकार है, वह जीरो, जीरो, जीरो नंबर पर जांच कर रही है। वाह! आदित्यनाथ जी आप लोगों ने श्मशान में दलाली खाई, आपदा में अवसर तलाश लिया। 800 रुपये का ऑक्सीमीटर 5000 में खरीदा गया। मैंने 75 जिलों के घोटाले का खुलासा किया था। 1600 में मिलने वाला थर्मामीटर 13000 में खरीदा गया। पीपीई किट में घोटाला किया गया। जेम पोर्टल पर मौजूद डेढ़ लाख के एनालाइजर को 3,30000 में योगी सरकार ने खरीदा।
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सांसद संजय सिंह ने आगे कहा कि जब हमने इस पर सवाल उठाया तो एक एसआईटी बना दी गई। एसआईटी आज उत्तर प्रदेश में सफेद हाथी बन गई है। एसआईपी आदित्यनाथ सरकार का सुरक्षा कवच बन गई है। कोई भी मामला हो उसमें एसआईटी बना दो, जिससे उस मामले में कुछ न निकल सके। मैं तो आदित्यनाथ जी से कह रहा हूं कि शिक्षा भर्ती घोटाले में एसआईटी बनाई कुछ नहीं निकला। कोरोना उपकरणों के घोटाले में आप ने एसआईटी बनाई उसमें भी कुछ नहीं निकला। इंद्रकांत त्रिपाठी मामले में एसआईटी बनाई, कानपुर कांड में, हाथरस कांड में एसआईटी बनाई लेकिन जांच में कुछ नहीं निकला। अब इन सभी एसआईटी जांचों में क्या निकला, उसकी भी जांच करने के लिए एसआईटी का गठन कर दीजिए। सारी एसआईटी जांच का परिणाम निकालने के लिए एक एसआईटी बना दीजिए। न किसी को जेल हुई, न रिकवरी हुई, न किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई, न कोई एफआईआर हुई, लेकिन जो भूत जांच घोटाला आप लोगों ने किया है, उसकी जांच कौन करेगा?
संजय सिंह ने आगे कहा कि यह लोग कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार में सब चंगा है। सब चंगा कैसे है, यह पता चल गया है। जब आप जांच करेंगे ही नहीं तो परिणाम तो यही होगा। नो टेस्टिंग, नो करोना, नो महामारी और नो खतरा। कोरोना नियंत्रण में आदित्यनाथ सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है। योगी सरकार का मॉडल यह है कि ऑक्सीमीटर में, थर्मामीटर में और पीपीई किट में घोटाला करो। हर चीज में घोटाला करो और कोरोना के नाम पर भूत की जांच करके जीरो वाली आदित्यनाथ सरकार ने महा घोटाला किया है। कोरोना महामारी में यूपी के 70 जिलों में जांच कागजों में हो गई और किट तोड़ कर फेंक दी गई। जिस इंसान की जांच की गई, न तो उस नाम का कोई इंसान है, न उसका कुछ अता-पता है और न ही उसका मोबाइल नंबर है। यह आदित्यनाथ जी का उत्तर प्रदेश में कोरोना से लड़ने का मॉडल है।