
अमेरिका में आज नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है। 78 साल के जो बाइडेन आज अमेरिका के नए और सबसे ज्यादा उम्र वाले राष्ट्रपति बनने जा रहे है। इसके बाद वो आधिकारिक रूप से अपना पदभार संभाल लेंगे। दिलचस्प बात है कि जो बाइडेन की टीम में भारतीय मूल के 20 लोग भी शामिल हैं। ये अमेरिका के किसी भी राष्ट्रपति की टीम में भारतीयों की अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इसे अमेरिका की राजनीति में भारत की बढ़ती हुई सॉफ्ट पावर कहा जा सकता है।
ऐसी होगी नए राष्ट्रपति जो बाइडेन की टीम
भारतीयों की लिस्ट में 50 साल की नीरा टंडन सबसे प्रमुख हैं, वो अमेरिका के लिए बजट तैयार करने में बड़ी भूमिका निभाएंगी।
45 साल की वनिता गुप्ता को अमेरिका के न्याय विभाग में एसोसिएट अटॉर्नी जनरल के लिए मनोनीत किया गया है।
डॉक्टर विवेक मूर्ति अमेरिका की जनता के स्वास्थ्य को सुधारने की सलाह देंगे।
47 साल की माला अडिगा राष्ट्रपति की पत्नी को पॉलिसी के मामलों में सलाह देंगी।
32 साल की सबरीना सिंह को भी फर्स्ट लेडी की मीडिया सलाहकार बनाया गया है।
आयशा शाह इंटरनेट के माध्यम से राष्ट्रपति जो बाइडेन के संदेशों को अमेरिका के लोगों तक पहुंचाएंगी।
समीरा फाज़ली आर्थिक मामलों पर राष्ट्रपति जो बाइडेन को सलाह देंगी।
आर्थिक मामलों की समिति में राष्ट्रपति की टीम में भरत रामामूर्ति भी शामिल हैं।
भारतीय मूल के गौतम राघवन राष्ट्रपति के लिए स्टाफ की नियुक्ति करेंगे।
राष्ट्रपति के सबसे करीबी लोगों में भारतीय मूल के विनय रेड्डी होंगे। उन्हें जो बाइडेन के भाषणों को लिखने की जिम्मेदारी मिली है.
वेदांत पटेल राष्ट्रपति जो बाइडेन के असीस्टेंट प्रेस सेक्रेटरी होंगे।
राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर फैसला देने वाली नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में भारतीय मूल के तीन लोगों को शामिल किया गया है।
भारतीय मूल की सोनिया अग्रवाल को पर्यावरण मामलों के लिए वरिष्ठ सलाहकार बनाया गया है।
अमेरिका को कोरोना से बचाने वाली टीम में विदुर शर्मा को जिम्मेदारी दी गई है।
अमेरिका के राष्ट्रपति को कानूनी सलाह देने वाली टीम में भी भारतीय मूल की दो महिलाओं को नियुक्त किया गया है।
इस समय जो बाइडेन की कोशिश अमेरिका को फिर से मजबूत करने की है और इसके लिए वो अपनी टीम के इन प्रमुख महत्वपूर्ण लोगों पर निर्भर हैं।
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अमेरिका में शपथ ग्रहण समारोह को Inauguration Day क्यों कहा जाता है?
अमेरिका दुनिया के सबसे पुराने लोकतांत्रिक देशों में एक है। पिछले 233 साल में वहां पर 45 राष्ट्रपति हुए हैं। जिनका 72 बार शपथग्रहण हो चुका है। लोकतंत्र होने के बावजूद भारत और अमेरिका में एक अंतर है। अमेरिका में शपथ ग्रहण को Inauguration Day यानी उद्घाटन समारोह कहा जाता है। अब आपके मन में एक सवाल होगा कि एक जैसी भूमिका होने के बावजूद भारत में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को अमेरिका में Inauguration Day क्यों कहा जाता है?
यह समारोह अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में अमेरिका की संसद के सामने आयोजित किया जाता है और इसी समारोह में अमेरिका के नए राष्ट्रपति अपने पद की शपथ लेते हैं।
अमेरिका के संविधान के अनुसार हर राष्ट्रपति को चुनाव खत्म होने के बाद 20 जनवरी की दोपहर तक शपथ लेना जरूरी है।
इस कार्यक्रम में सबसे पहले उप-राष्ट्रपति शपथ लेते हैं और उसके बाद राष्ट्रपति का नंबर आता है और इसके लिए राष्ट्रपति को संविधान द्वारा निर्धारित सिर्फ 35 शब्दों की शपथ को दोहराना होता है।