
BASTI: मरीज को ठेले पर लादकर पहुंचा अस्पताल
बस्ती में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहाल है, मरीज को ठेले पर लाद कर अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा है, इतना ही नहीं अस्पताल में स्ट्रेचर तक की व्यवस्था तक नहीं है, मरीज को ठेले पर लाद कर अस्पताल के अंदर स्ट्रेचर की जगह ठेले से ओपीडी तक पहुंचाना पड़ रहा है, मामला हर्रैया सीएचसी से जुड़ा है, कुचैला गांव की एक बुजुर्ग महिला रेश्मा देवी का अचानक तबियत खराब हो गई, चक्कर आने के बाद वो बेहोश हो गई।
BASTI : तीन किलोमीटर तक चलाया ठेला
परिजनों का कहना है की 108 पर कई बार फोन करने के बाद भी फोन नहीं लगा, जिसके बाद परिजनों ने कुछ अनहोनी के डर से घर पर खड़े ठेले पर बुजुर्ग महिला को लाद कर तीन किलोमीटर चल कर हर्रैया सीएचसी पहुंचे, अस्पताल पर पहुंचने के बाद अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं मिला, तब परिजनों ने मरीज को ठेले समेत अस्पताल के अंदर ले गए, अस्पताल की ओपीडी तक ठेले पर ले गए, उस के बाद ठेले से उतार कर मरीज को ओपीडी में डाक्टर को दिखाया गया, बहरहाल मरीज की तबियत अब ठीक बताई जा रही है,
BASTI : अधिक्षक ने कही ये बात –
वहीं जब इस बारे में अस्पताल के अधीक्षक आरके यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा की 108 एम्बूलेंस हमारे यहां से गवर्न नहीं होती है, जब कोई फोन करता है तो वहां से लोकेशन लेकर एम्बूलेंस को भेजा जाता है, इस समय प्रयाप्त सख्या में एम्बूलेंस हैं, अधीक्षक ने कहा की हो सकता है नेटवर्क प्राब्लम की बजह से फोन न लगा हो, मान लीजिए टेक्निकल प्राब्लम की वजह से फोन न लगा हो लेकर सीएचसी पर भी एमरजेंसी नम्बर होना चाहिए जिसपर लोग इमरजेंसी में सम्पर्क कर समय पर इलाज पा सकें।
बाइट1 झिंकान, पती
बाइट2 नाती
बाइट3 आरके यादव, अधीक्षक, सीएचसी हर्रैया