
कोरोना वैक्सीन लगवाने वालों के लिए एक बार फिर बड़ी खबर सामने आई है| दिल्ली एम्स और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के अलग-अलग अध्ययनों के अनुसार, COVID-19 का डेल्टा वेरिएंट कोवैक्सिन या कोविशील्ड टीकों की दोनों खुराक प्राप्त करने के बाद भी लोगों को संक्रमित करने में सक्षम है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अभी तक किसी भी अध्ययन की सहकर्मी-समीक्षा नहीं की गई है। एम्स के अध्ययन में यह कहा गया है कि ‘डेल्टा’ संस्करण ‘अल्फा’ संस्करण की तुलना में 40 से 50 प्रतिशत अधिक संक्रामक है।
भारत में डेल्टा ( B.1.617.2) वेरिएंट की वजह से ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन ( टीका लेने के बाद संक्रमित होना) कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों तरह के टीका लेने के बाद रिपोर्ट हुआ है| भारत में Covaxin और कोविशील्ड ( Covishield) के वैक्सीन में ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन को लेकर दो स्टडी की गई है।
दोनों स्टडी में पाया गया है कि डेल्टा वेरिएंट दोनों वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन लिए लोगों में इन्फेक्शन (Breakthrough Infection) करने में सक्षम है| AIIMS और CSIR IGIB ने स्टडी में पाया कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड टीका लगाए लोगों में अल्फा और डेल्टा दोनों वेरिएंट से ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन हुआ, लेकिन डेल्टा से ज्यादा|
एम्स-आईजीआईबी स्टडी 63 संक्रमण के लक्षण वाले मरीजों की स्थिति का विश्लेषण है जो कि 5-7 दिन से तेज बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड में भर्ती किए गए थे| इन 63 लोगों में से 53 को कोवैक्सीन की और अन्य को कोविशील्ड की एक खुराक दी गई थी| जबकि 36 लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज दिए जा चुके थे| डेल्टा वेरियंट संक्रमण के 76.9 फीसदी मामले ऐसे लोगों में दर्ज किए गए जिन्हें टीके की एक खुराक दी गई थी| जबकि दोनों डोज़ लगवाने वाले 60 फीसदी संक्रमित हुए|