
लखनऊ विकास प्राधिकरण या लखनऊ विनाश प्राधिकरण ?
एलडीए उपाध्यक्ष की नाक के नीचे जारी है काली कमाई का खेल
लखनऊ : शहर में अवैध रूप से बन रही इमारतों की संख्या हजारों में हैं। लेकिन कार्रवाई के नाम पर अधिकारी हमेशा खानापूर्ति कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। जिसके चलते शहर में सैकड़ों अवैध इमारते एलडीए की मिलीभगत से खड़ी हो गयी हैं।अकेले बालागंज चौराहे से दुबग्गा चौराहे के बीच हरदोई मेन रोड पर एक दर्जन के करीब अवैध निर्माण खुलेआम किये जा रहे हैं आखिर क्या वजह है कि प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता और सुपरवाईजर को ये अवैध निर्माण दिखाई नहीं देते हैं. ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में तैनात अधिशासी अभियंता और अवर अभियंता की मिलीभगत से इस इलाके में दर्जनों की तादाद में अवैध निर्माण जारी हैं, सूत्रों के अनुसार अवैध निर्माणों को संरक्षण देने के एवज़ में अवर अभियंता द्वारा लाखों रुपये प्रति माह की अवैध वसूली की जाती है, जिसका एक मोटा हिस्सा अधिशासी अभियंता तक पहुँचाया जाता है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के अभियंताओं की मिली भगत से खुनखुनजी रोड पर लाजपत नगर में ग्रुप हाउसिंग की टॉप फ्लोर पर निर्माण किया जा रहा है, कैसे यह निर्माण किया जा रहा है, एलडीए के ज़िम्मेदारों को नहीं पता, वजह साफ़ है मोटी रकम के ज़रिये एलडीए का मुंह बंद कर दिया गया है।
हरदोई रोड पर पी. आर. हुंडई शोरूम के पास खुलेआम अवैध निर्माण किया जा रहा है, कहने को तो इस निर्माण के आगे लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा मानचित्र स्वीकृत का बोर्ड लगा है, लेकिन हक़ीक़त कुछ और ही है, मानचित्र के विपरीत निर्माण किया जा रहा है, न ही प्राधिकरण के कोई नियम का पालन किया जा रहा है, पालन किया जा रहा है तो बस एक चीज़ का, और वो है हर महीने सम्बंधित एलडीए अभियंता की जेब भरने का, खुलेआम निर्माण चल रहा है कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
बड़े साहब को ‘माल’ पसंद है।
ठाकुरगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले जलनिगम रोड पर आधा दर्जन से अधिक अवैध निर्माण किये जा रहे हैं, लेकिन न तो अधिशासी अभियंता को यह निर्माण दिख रहे हैं और ना विहित प्राधिकारी और एलडीए उपाध्यक्ष को, खुलेआम जारी इन अवैध निर्माणों से अवर अभियंता प्रति माह मोटी रकम वसूल रहा है, जिसका एक बड़ा हिस्सा ‘बड़े साहब’ अधिशासी अभियंता तक पहुंचाया जाता है, लिहाज़ा बड़े साहब को भी अवैध निर्माणों से कोई गुरेज़ नहीं है, ‘जितने ज़्यादा अवैध निर्माण, उतना ज़्यादा माल’ मिलता है।
जलनिगम रोड पर ही इमामबाड़ा मिश्रीबाग़ के पास भी कई अवैध निर्माण खुलेआम जारी हैं, इमामबाड़ा मिश्रीबाग़ के ठीक सामने भव्य अवैध अपार्टमेंट जा रहा है, सूत्रों के अनुसार मानचित्र भी स्वीकृत नहीं है, अवर अभियंता को भी इस अवैध निर्माण के समबन्ध में कोई जानकारिनाहीं है, जबकि छोटे से छोटे अवैध निर्माण से बड़ी से बड़ी वसूली ‘सुपरवाइज़र’ के माध्यम से अवर अभियंता खुद कराते हैं, लेकिन जानकारी मांगने पर उनके पास जानकारी नहीं होती है।
बालागंज चौराहे के पास बैंक ऑफ़ बड़ौदा के बगल में अवैध काम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा है, हरदोई रोड पर जारी इस अवैध निर्माण को भी एलडीए अभियंताओं और ज़िम्मेदारों ने नहीं देखा और पांच मंज़िल का काम्प्लेक्स तैयार हो गया, बिना मानचित्र और बिना किसी नियम कानून के यहाँ निर्माण हो जाते हैं बस अवर अभियंता से “एनओसी” जारी करवानी होती है, ‘एनओसी’ सुपरवाइज़र के माध्यम से जारी होती है, जिसके लिए प्रति माह मोटी रकम एलडीए अभियंताओं को देनी होती है, जबतक रकम पहुँचती रहती है तब तक निर्माण जारी रहता है।
हरदोई रोड पर ही बालागंज चौराहे से मात्र सौ मीटर की दूरी पर बजाज शोरूम से पहले भी कई मंज़िल का अवैध काम्प्लेक्स बनकर तैयार है, फिनिशिंग का कार्य जारी है, लेकिन एलडीए के ज़िम्मेदार मौन है, निर्माण हो रहा है, ज़िम्मेदार मोटी रकम लेकर आरामसे अपने एसी चैम्बर में बैठे हैं।
हरदोई रोड पर ही अहिरनखेड़ा मोड़ पर ‘अशर्फी ब्रिक फिल्ड’ के पास अवैध तीन अवैध कॉम्प्लेक्सों का निर्माण चल रहा है, एक काम्प्लेक्स तो बनकर तैयार और अवैध निर्माण कार्रवाई की बात करने वाले एलडीए के ज़िम्मेदारों को मुंह चिढ़ा रही है, यह निर्माण भी अवैध है, और आस पास बन रहे दोनों काम्प्लेक्स भी अवैध ढंग से बनाये जा रहे हैं, अधिशासी अभियंता अपने चैम्बर में इन अवैध निर्माणों से आने वाली काली कमाई के हिसाब किताब में लगे हैं।
ठाकुरगंज क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ‘सरफराज गंज’ में एरा मेडिकल कॉलेज भव्य अवैध अपार्टमेंट की पांचवीं मंज़िल की स्लैब का काम जारी है, स्थानीय लोगों ने इस अवैध निर्माण की शिकायत भी कई बार की लेकिन नतीजा सिफर ही रहा, कोई कार्रवाई नहीं हुई, हाँ अवर अभियंता की जेब थोड़ी और भर दी गई।
अवैध निर्माण के मास्टरमाइंड हैं एलडीए अभियंता
एलडीए में अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रवर्तन दस्ता गठित है, इसके साथ ही जोनल स्तर पर अवर अभियंता और सहायक अभियंता एवं अधिशासी अभियंता को तैनात किया गया है। ऐसे में जोनों में हर निर्माण की जानकारी अभियंता को होती है। एलडीए के सूत्रों के अनुसार बिना मानचित्र के किसी भवन का काम शुरू होते ही जेई यहां पहुंच जाता है जिसके बाद अवैध को वैध करने की कीमत तय की जाती है। सूत्रों के अनुसार बहुमंजिले भवनों में बिल्डर्स के प्रस्तावित मानचित्र में फ्लैटों की संख्या के आधार पर कीमत तय की जाती है। यह प्रति फ्लैट एक से तीन लाख रुपए तक होती है।
शिकायत के बाद बढ़ जाती है कमाई
निर्माण शुरू होने के बाद अगर किसी ने शिकायत कर दी तो जेई व एई और संबंधित अफसर की कमाई और भी बढ़ जाती है। बिल्डर को नोटिस भेजी जाती है और कार्रवाई के नाम पर इमारत सील कर दी जाती है। इस दौरान शिकायतकर्ता को भी लगता है कि एलडीए ने कार्रवाई कर दी है। लेकिन कुछ समय बाद सील खोलने को लेकर बिल्डर दबाव बनाता है और फिर रेट तय होता है। प्रति फ्लोर दो से छह लाख रुपए तक बिल्डर से वसूल किए जाते हैं। सूत्र बताते हैं कि इस समय एलडीए में अभियंताओं को टारगेट तक दिया गया है।
अवैध कमाई के लिए हाईकोर्ट के आदेश भी किये गए दरकिनार
एक ओर हाई कोर्ट और प्रशासन सख्त है कि शहर में हो रहे मानकों के विपरीत अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाय | परन्तु वहीँ दूसरी ऒर लखनऊ विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारी हाईकोर्ट और प्रशासन के आदेशों को ताख पर रख कर सभी सीमाओं को पार करके मानकों के खिलाफ अवैध निर्माण को अपनी आँखें बंद करके बढ़ावा दे रहे है | इन अवैध निर्माणों को प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता और सुपरवाईजर अवैध काली कमाई के लिए बढ़ावा देते हैं.