
ओलंपिक में पहली बार स्ट्रीट स्केटबोर्डिंग के मुकाबले हो रहे थे। कोई मानेगा कि इस खेल में जो दो खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ साबित हुए हैं, उनकी उम्र 14 साल से भी कम है। 13 साल 330 दिन की मोमिजी निशिया ने अपने घर में हो रहे ओलंपिक खेलों में गोल्ड जीता है। ब्राजील की रेसा लील भी 13 साल की हैं, जिन्हें सिल्वर मेडल से मन भरना पड़ा। लील भले ही गोल्ड ना जीत पाई हों, मगर 85 सालों की सबसे युवा मेडलिस्ट बन गई हैं। इन दो धुआंधार खिलाड़ियों ने आखिरी मुकाबले से पहले ही तोक्यो ओलिंपिक में धूम मचा दी। तीसरे नंबर पर रहीं नयाकामा फूना की उम्र भी सिर्फ 16 साल है।
स्केटबोर्डिंग उन चार खेलों में से एक है जो तोक्यो में पहली बार ओलंपिक का हिस्सा बन रहे हैं। इसके अलावा सर्फिंग, स्पोर्ट क्लाइमिंग और कराटे को भी ओलिंपिक में शामिल किया गया है। मकसद ओलिंपिक को युवा दर्शकों तक पहुंचाना है। पोडियम पर जो तीन लड़कियां मौजूद थीं, उनमें से दो की उम्र 13 साल और एक की 16 साल थी। कुछ जानकार तो इसे ओलिंपिक का सबसे युवा पोडियम तक बता रहे हैं।
निशिया इसी साल रोम में हुई वर्ल्ड चैम्पियनशिप्स में सिल्वर मेडल जीती थीं। अब उन्होंने खेल का सबसे ऊंचा मुकाम छू लिया है। ओलिंपिक में स्केटबोर्डिंग को शामिल करने का फैसला नई पीढ़ी के लिए इतना बड़ा मौका बनेगा, ऐसा किसी ने नहीं सोचा था। 13 साल की उम्र के गोल्ड और सिल्वर मेडलिस्ट हैं। कम उम्र के इन खिलाड़ियों ने दिखा दिया है कि उनमें दुनियाभर से लोहा लेना का ना सिर्फ जज्बा है, बल्कि प्रतिभा भी।