
केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों के विरोध में पंजाब-हरियाणा के किसान ‘दिल्ली चलो’ मार्च निकाल रहे हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार किसान करनाल से दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। किसानों को तितर बितर करने के लिए पुलिस प्रशासन ने वाटर केनन का इस्तेमाल किया हैै। इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि यह कानून क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला है। साथ ही उन्होंने किसानों से प्रदर्शन न करने की अपील की और तीन दिसंबर को बातचीत के लिए आमंत्रित किया।
बता दें कि किसानों का ‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शन अंबाला- पटियाला बॉर्डर पर प्रदर्शन उग्र हो गया। किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की। पथराव की भी खबर है। पुलिस ने किसानों पर वॉटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। वह राशन-पानी के साथ दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। किसान नेता योगेंद्र यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वहीं, केंद्रीय यूनियनों ने श्रम सुधारों के खिलाफ देशव्यापी बंद बुलाया है। प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम बंगाल में रेलवे ट्रैक ब्लॉक कर दिया। ओडिशा और केरल में भी इस बंद का असर देखने को मिला है।
अकाली दल के प्रमुख सुखवीर बादल ने ट्वीट कर लिखा कि आज पंजाब के लिए 26/11 है। हम लोकतांत्रिक विरोध के अधिकार का अंत देख रहे हैं। अकाली दल ने शांतिपूर्ण किसान आंदोलन को दबाने के लिए हरियाणा सरकार और केंद्र की निंदा की। पंजाब के किसानों के अधिकारों की लड़ाई के खिलाफ पानी की कैनन का उपयोग करके नहीं किया जा सकता है। कृषि सुधार कानून को लेकर हरियाणा के करनाल में खासा विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सड़क में उतरे किसानों को तितर-बितर में करने के लिए पुलिस प्रशासन ने उन पर पानी का छिड़काव किया है। ये सभी किसान दिल्ली की ओर आगे बढ़ रहे हैं।