
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। एक महिला और उसके 5 बच्चे 2 महीने से खाने के लिए तरस गए। पिछले दस दिनों से परिवार के सदस्यों ने रोटी नहीं खाई। पूरे परिवार के सदस्यों की भूखे रहने के कारण तबीयत खराब हो गई। जिन्हें अब मलखान सिंह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि अब उनका डॉक्टर्स ख्याल रख रहे हैं और एनजीओ ने भी कुछ मदद पहुंचाई है। लेकिन सरकार कटघरे में फिर से खड़ी हो गई है।
दरअसल, अलीगढ़ के थाना सासनी गेट इलाके के आगरा रोड स्थित मंदिर नगला में 40 वर्षीय गुड्डी नाम की महिला अपने छोटे-छोटे पांच बच्चों के साथ रहती है। बच्चों में बड़ा बेटा अजय (20), विजय (15), बेटी अनुराधा (13), टीटू (10) सबसे छोटा बेटा सुंदरम (5) है। गुड्डी के मुताबिक, उसके पति विनोद की बीते वर्ष 2020 में कोविड लॉकडाउन से 2 दिन पूर्व ही गंभीर बीमारी के चलते मृत्यु हो गई। जिसके बाद परिवार का पेट पालने के लिए गुड्डी ने एक फैक्टरी में 4 हजार रुपये महीने पर काम करना शुरू कर दिया। लेकिन लॉकडाउन के कारण फैक्टरी कुछ समय बाद घाटे के चलते पूरी तरह बंद हो गई। उसके बाद गुड्डी को कहीं काम नहीं मिल सका।
घर में रखा राशन भी धीरे-धीरे खत्म हो गया और नौबत लोगों द्वारा दिए गए खाने के पैकेट पर निर्भर होने की आ गई। फिर गुड्डी के बड़े बेटे अजय ने पिछले लॉकडाउन खुलने के बाद मजदूरी/बेलदारी शुरू कर दी। जिस दिन काम मिल जाता था तो उसी दिन घर का राशन पानी ले आता था। वही देखते ही देखते कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी और फिर से लॉकडाउन हो गया।
वहीं मलखान सिंह जिला अस्पताल की इमरजेंसी इंचार्ज डॉ. अमित को जानकारी हुई कि पिछले काफी वक्त से भूखी एक महिला व उसके 5 बच्चे वार्ड नंबर आठ में भर्ती कराए गए हैं। तो उन्होंने वहां विजिट करके सभी का हाल चाल जाना और ट्रीटमेंट अपने हिसाब से कराना शुरू करा दिया है। वहीं, हैंड फॉर हेल्प एनजीओ को इसकी जानकारी हुई तो उसके सदस्य भी मदद के लिए अस्पताल पहुंच गए। एनजीओ के सुनील का कहना है कि वह भी हर संभव मदद देने की कोशिश कर रहे हैं।