
देहरादून। उत्तराखंड में सियासी उठापटक के बीच प्रदेश को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। कई नामों पर विराम लगाते हुए आखिरकार तीरथ सिंह रावत प्रदेश के नये मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। आखिर कौन हैं तीरथ सिंह रावत जो कई दिग्गज नेताओं पर भारी पड़े। और उत्तराखंड के सीएम की कुर्सी पर काबिज होने जा रहे हैं। आईये नजर डालते हैं उनके अब तक के जीवन के सफर पर……
तीरथ सिंह रावत का जन्म 9 अप्रैल 1964 को पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। तीरथ सिंह रावत ने श्रीनगर गढ़वाल के बिरला कॉलेज से समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएट और पत्रकारिता में डिप्लोमा का कोर्स किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद वो आरएसएस के साथ जुड़ गए। 1983 में सिर्फ 20 साल की उम्र में वो आरएसएस के प्रांत प्रचारक बन गए थे। 90 के दशक में उन्होंने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। साल 2000 में जब उत्तराखंड अलग राज्य बना तो वो पहली राज्य सरकार में शिक्षा मंत्री बने। 2007 में उन्हें बीजेपी उत्तराखंड इकाई का महामंत्री चुना गया। 2012 में वो पहली बार चौबट्टाखाल विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। फरवरी 2013 से दिसंबर 2015 तक वो उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे। 2017 में उनकी राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री हुई, उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया गया। और 2019 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई जिसे उन्होंने बखूबी निभाया और पार्टी को शानदार जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वर्तमान में रावत बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव भी हैं।
उत्तराखंड में नए सीएम के रूप में तीरथ सिंह रावत के शपथ ग्रहण की तैयारी शुरू हो गई है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद तीरथ सिंह रावत को सीएम पद की कमान सौंपने का फैसला हुआ है। इस फैसले को चुनाव से पहले बीजेपी के एक बड़े मास्टरस्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है। रावत फिलहाल उत्तराखंड के पौड़ी लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और उनकी पहचान एक सर्वमान्य नेता के रूप में रही है। ईमानदार छवि और स्वीकार्यता के लिए मशहूर स रावत तीरथ सिंह रावत को कांग्रेस भी एक अजातशत्रु नेता कहती है।
https://www.youtube.com/watch?v=Dt1IGCW2TXc